Monday, April 6, 2009

नीतिश और ललन में दम हो तो राबरी का जवाब दे

आज सुबह चाय के प्यालों के साथ नींद खुली अख़बार देखा -"राबर पर ऍफ़ आई आर " दर्ज । हँसी भी आई पर चर्चित पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबरी देवी ने एक साहस और आत्मविश्वास के साथ यह वक्तव्य दे डालीं की -"ललनसिंह कौन हैं? ललन सिंह नीतिश का साला है। हम खुलेआम बोलेंगे। और नीतिश कुमार कौन है? नीतिश कुमार का साला है।" वाकई राबरी ने समाज के सामने एक सवाल खरा कर दिया है। सिर्फ़ समाज ही नही समाज के दर्पण कहे जानेवाले मीडिया पर भी अंगुली उठाई है।

नीतिश कह रहे है राजनीत में ओछी हरकते ठीक नही मेरी भी इज्जत है। तो नीतिश जी यह बताये की जब वो रेल मंत्री थे तो उन्होंने अर्चना, उपासना और इबादत के नाम से नै ट्रेने खोली थी। मीडिया वालों के खिंच- तान में उन्होंने पहार और धर्म की बात बोलकर निकल पड़े थे आज बिहार की जानी-मानी मुख्यमंत्री राबरी देवी ने यह प्रश्न उठाया है तो इसका जवाब जनता को नीतिश और ललन को देना चाहिए।
मीडिया को भी राबरी के इन सवालों का जवाब तलाशना चाहिए ।

Wednesday, April 1, 2009

१.५ करोड़ की आबादी को संभालना किसी की भी सरकार के लिए मुश्किल

भारत की राजधानी दिल्ली और १.५ करोड़ आबादी में एक मात्र अखिल भारतीये आयुर्विज्ञान संस्थान ( अ भा आ सं) नईदिल्ली । इसमे इलाज़ कराना बहुत ही कठिन है । अगर किसी गाँव - देहात से आए बीमार व्यक्ति और उनके परिजन एम्स में इलाज़ कराने आते हो तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखे :

१ एम्स में पैरवी न तो किसी संसद और न किसी दलाल की चलती अगर चलती है तो वह है एम्स के स्टाफ का।

एम्स के सिस्टम में आम व्यक्ति इस कदर परेशां होंगे की उन्हें इलाज़ कराना तो दूर उनके रहने, खाने-पीने में हीं आर्थिक इस्थिति इतनी चरमरा जाती है की रोगी के साथ परिजन ही बीमार हो जाते।
३ एम्स में यह सिस्टम है की सुबह ५ बजे से ओ पी डी कार्ड के लिए नम्बर लगाना पड़ता है उसके उपरांत १० रुपये का कंप्यूटर से कार्ड बनता है।
४ इस कार्ड के बन जाने के बाद सम्बंधित विभाग/डॉक्टर के रूम में जाने से पहले निर्धारित समय में यह कार्ड को जमा कराना पड़ता है तब आप रोगी को दिखानेमें सफल हो सकते है।
५ इस ओ पी डी में पहले जूनियर डॉक्टर रोगी का निरिक्षण करते है इस निरिक्षण में आपका एक दिन का समय निकल जाएगा। ये जूनियर डॉक्टर आपको सीनियर डॉक्टर से दिखाने के लिए फिर एक सप्ताह का समय दे देंगे।
६ अगर किसी मरीज का ऑपरेशन होना हो तो ५वीं मंजिल का चक्कर "पी ए सी "का तारीख लेने के लिए लगाना होगा इस प्रोसेस में लगभग १.५ से २.५ महीने लग जायेंगे।
७ पी ए सी टेस्ट हो जाने पर आपको सम्बंधित डॉक्टर से पुनः तारीख लेने होंगे ।
८ डॉक्टर ऑपरेशन का डेट लेने के लिए आपको सलाह देंगे ।
९ ऑपरेशन का डेट लेने के लिए आपको पुनः १ से २ महीने चक्कर लगाने होंगे।
जरा आप सोंचे की इस लम्बी प्रक्रिया में गाँव-देहात से आए गरीब-गुरबा व्यक्ति का क्या हाल होगा।