Thursday, November 4, 2010

केंद्र की सहायता बिना बिहार का विकाश बेईमानी

इतिहास गवाह है की कोई भी राज्य बिना केंद्र की सहायता से विकाश नहीं किया चाहे वह महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेस या पंजाब हो।बिहार में भले ही नितीश की सरकार क्यूँ न हों।नितीश की सरकार ने जरूर कुछ अच्छा काम किया पर केंद्र ने भी बिहार को कम नहीं दिया। नितीश अपने ५ वर्षों के कार्य-काल में अपराध पर कामयाबी पाई है पर विकाश के लिए जो साधन-संसाधन चाहिए वो बिहार के पास नहीं।
बिहार सरकार अपने आय के क्ष्रोत को बढ़ाने में विफल है जिस वजह से केंद्र द्वारा जो भी पैसा आता है उसे खर्च करने में असमर्थ रहता केंद्र सरकार ने आई आई टी बिहार को दिया पर बच्चे जब इस संस्था से पढ़ कर निकलेंगे तो फल देने किसी दुसरे राज्य में चले जायेंगे। जबकि बीज बिहार सरकार का और फल किसी दुसरे राज्य को। नितीश सरकार ने आर्यभट्ट तकनीक संस्था विश्वविधालय तो बना दिया पर बच्चे इस तकनीक को दुसरे राज्य में इस्तेमाल करेंगे। क्योंकि बिहार में कोई उद्योग नहीं, कल-कारखाने नहीं तो फिर इन बच्चों को रोजगार कौन देगा।
बिहार के अधिकांश लोग किसान है उन्हें बिजली-पानी चाहिए उन्हें फसल की सुरक्षा चाहिए उन्हें उन्नत किस्मों की बीज चाहिए, उन्हें रियायती दरों पर खाद्ध पदार्थ चाहिए, उनके फसलों के उचित दाम चाहिए और ये सब देने के लिए किसी भी राज्य को बिना केंद्र की सहायता लिए संभव नहीं। चाहे वह नितीश की सरकार हों या लालू-पासवान की सरकार हों।
बिहार का विकाश तभी संभव है जब राज्य और केंद्र में एक ही दल का सरकार हों। बिहार की जनता को जात-पात और पार्टी से अलग हटकर विकाश के मुद्दों पर लड़ाई करनी पड़ेगी। ५ वर्षों का समय अगर बहुत ज्यादा नहीं तो बहुत कम भी नहीं विकाश के लिए। अगर कोई सरकार सिर्फ ये कहे की हमने ५ वर्षों में अपराध मुक्त कर दिया तो बहादुरी नहीं।
बिहार की जनता सोंचे-समझे सिर्फ नितीश, लालू-पासवान या राहुल चालीसा पढने से काम नहीं चलेगा। ऐसा संयोग बनाना होगा की एक ही पार्टी की सरकार राज्य और केंद्र में हों।
बिहार अभी चुनाव के दौड़ से गुजर रहा है नितीश भी चिल्ला रहे की उन्हें ५ वर्ष और मिले। उधर राहुल भी चिल्ला रहे की अगर बिहार में विकाश हुआ है तो बिहार के लोग दुसरे राज्यों में क्यों पलायन कर रहे। राहुल यह भी कह रहे की केंद्र का पैसा गरीबों तक न तो पहुँच रहा और न ही विकाश के कार्यों में लगाया जा रहा । इस तरीके से तमाम आरोप-प्रत्यारोप का दौड़ चल रहा। सही क्या है और गलत क्या है ये तो बिहार की जनता ही फैसला करेगी। आगामी २४ नवम्बर को परिणाम सामने होंगे।
तब तक आइये हम सब मिलकर दिवाली का आनंद ले। आप सभी ब्लोग्र्रों को दिवाली की ढेर साड़ी शुभकामनायें .