Saturday, January 14, 2012

भारत एक "धर्मनिरपेक्ष" राज्य है. यंहा हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई भी रहते और सबमें संबेद्नायें है, सभी भावनात्मक है ये अलग बात हो सकती की कोई धर्म-मजहब के नाम पर भड़क जाये और ये लाज़मी भी है. देवियों एवं सज्जनों ! ये १८५७ नहीं और ना ईस्ट इंडिया है और ना ही अंतिम बादशाह बहादुर शाह ज़फर. ये तो २१ वीं शदी है. समय बदला, देश बदला, लोग बदले, विचार बदले, शिक्षा बदली, डिक्सनरी बदली, नई तकनिकी आई, नए शोध कार्य हुएऔर हम बदले लेकिन हमारे देश के भ्रष्ट नेता नहीं बदले वो हमारे बीच दोमुहा सांप की भूमिका निभाते रहे है यही नेता देश में अराजकता जैसी माहौल बनाते. कभी मंडल तो कभी कमंडल, तो कभी अल्पसंख्यक तो कभी पिछड़ा/अति पिछड़ा की बात कर समाज को खंडित करने का प्रयास करते.
देश को जो बांटने का प्रयास करेगा या खंडित करेगा या देश को लूटेगा वो कंही ना कंही थप्पड़, जूता, गाली या कंही गोली भी खा सकता. हाँ भावना में बहक कर अगर कोई घटना घटती है यो वाकई निंदा योग्य होगा. www.lokstambh.com