Sunday, June 5, 2011

कांग्रेस की क्रूरता या सोनिया का विदेशी मूल का होना

इतिहास के पन्नों को अगर पलट कर देखा जाये तो ४ जून २०११ की रात जलियावाला कांड से कहीं ज्यादा भयावह थी क्योंकि यह क्रूरता भारतियों (कांग्रेसियों ) द्वारा किया गया ।

इस घटना की जीतनी भी निंदा की जाये वो कम है। यह भारतीय संविधान के अनुसार एक घोर अपराध है और ऐसे मामलों में सुप्रीमकोर्ट को हस्तक्षेप कर कांग्रेसियों को कठघरे में लाना चाहिए।

बात सिर्फ रामदो बाबा की नहीं बल्कि उन तमाम एक लाख लोगों (जिनमे महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग व जवान आदि ) शामिल थे उन्हें सर्कार के ५ हज़ार पुलिस कर्मी ने बेदर्दी, बर्बरता और क्रूरता से पिटाई कर उनके साथ लूटपाट किया और उनके अंगों के साथ छेड़-छाड किया।

मैं कांग्रेस सरकार या सोनिया गाँधी से पूछना चाहता हूँ की इन एक लाख लोगों का गुनाह क्या था? आज पूरा भारत (कांग्रेसियों) को छोड़ यह सवाल कर रहा है। इसका जवाब नेहरु खानदान को तो देना ही पड़ेगा। सोनिया के सिपाही क्या सोनिया को वेदेशी मूल होने का मौका दे रहे है? कपिल सिब्बल कोई राजनेता नहीं बल्कि वे एक अधिवक्ता है फिर सोनिया या नेहरु खंडन के लोग इन लोगों के कहने पर इतनी बर्बरता कैसे दिखाई । ऐसे में लगता है की सोनिया को भारतीय महिला, बच्चों, बुजुर्ग और जवान से मतलब नहीं।

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