जब इन्सान खेलते कूदते, लोट पोत होते युवावस्था में रोजगार की तलाश में अटकता भटकता है तो वहां उसकी मेहनत के साथ साथ प्रखर बुद्धि भी काम आता है। इसका जीता जागता मिशल सरोज कुमार सिंघ में दीखता है। सरोज ने अपने करियर की शुरुआत रिपोर्टर की हैसियत से शुरू किया और आज युवावस्था में ही रास्ट्रीय सहारा के पटना एडिशन के स्थानीय संपादक बन गए।
मैं इनके सुखद और स्वर्णिम भविष्य की कामना करता हूँ और नई पारी की सुरुआत करने के लिए बधाई देता हूँ.
1 comment:
mere taraf se v saroj jee ko badhai
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