Tuesday, September 1, 2009

भारत में ट्रिपल "बी" की बीमारी

जी हाँ चौंकिए मत! ट्रिपल "बी"यानि (बुत्तोक्क, बरेअस्त बेल्ली अंग्रेजी के शब्द है) हिन्दी में नितंभ, छाती और चीतल मांछी पेट कहते है। भारत में यह बीमारी कुछ एक युवतियों और महिलाओं में अर्धनग्न फैशन से फैला है। इस बीमारी की सबसे खास बात ये है की इससे पुरूष वर्ग के शरीर में अजीबो-गरीब सी भावना उत्त्पन्न होती है जिससे युवती या महिला वर्ग घायल हो जाती है और पुरूष को आजीवन कारावास , उम्र कैद या फांसीकी सजा हो जाती है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस ट्रिपल "बी" की बीमारी पर गहरी चिंता व्यक्त कर कहा की इससे बचने का एक ही रास्ता है की पुरूष वर्ग बिटामिन जैसे पदार्थों का इस्तेमाल न करे वही मौसम विभाग ने इस बीमारी को बेहद खुशनुमा बताते हुए फैशन विभाग को निर्देश दिया की वो इस तरह के कपड़े बनाये जिससे अंग की पारदर्शिता झलके।
सूत्रों के हवाले से पता चला है की महिला आयोग ने इस ट्रिपल "बी" बीमारी के रोक-थाम के लिए सरकार से ठोस और कड़ा कानून बानाने की मांग की है जिससे युवतियों और महिलाओं को और भी पारदशी कपड़े पहनने में छुट मिल सके।

5 comments:

Neeraj Rohilla said...

इस बीमारी की सबसे खास बात ये है की इससे पुरूष वर्ग के शरीर में अजीबो-गरीब सी भावना उत्त्पन्न होती है जिससे युवती या महिला वर्ग घायल हो जाती है और पुरूष को आजीवन कारावास , उम्र कैद या फांसीकी सजा हो जाती है।

माने कसूर युवतियों और महिलाओं का है और बेचारे पुरूष वो तो इसके साइड इफ़ेक्ट के चलते मारे जा रहे हैं। धन्य है आप और आपकी सोच...

ACHARYA RAMESH SACHDEVA said...

BHAI AAPNE TO HAD KAR DI
SARKAR BHI KAPDO SE BAHAR KAR DI.
MAHILAO KO KUCHCHH MAT KAHO PYARE
AB RESERVATION BHI 50% KAR DI

kshama said...

Bharat me shayad ye beemaaree any dumniya ke muqable abhi kam hai!

A Priydarshi said...

mai ramesh g se kahna chahta hoo ki RESERVATION ka matlab ye nahi ki aap apni sabhyta-sanskriti or apne riti-rivaj or sanskriti ko bhool jaye. JO bhi galat hoga unper ungli to uthegi hi

संतोष कुमार सिंह said...

ब्लांग पर बने रहे इसी शुभकामनाओं के साथ दशहरा की जय हो।