Friday, August 28, 2009

आज का युवक कृष्ण हो सकता युधिष्ठिर नही

कौन कहता है संघ में ५५-६० का ही उम्र है। आज संघ के प्रमुख ने मीडिया के सामने बयां जो दिया उसमे तनिक भी सच्चाई नही दिखती । के सी सुदर्शन और आज के प्रमुख पहले अपनी उम्र तय करे की उन्हें कब तक काम करना है तभी किसी पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की चेष्टा करे। संघ राजनीत से अलग रहकर बात कर ही नही सकती क्योंकि उनके मिशन में अर्थ और राजनीत अहम् है बगैर इनदोनों के संघ एक डेगभी आगे नही चल सकती।

संघ भारतीये समाज को बरगला रही है। हिंदुत्वा की रक्षा करे लेकिन समाज में विभाजन न करे। जसवंत की किताब गुजरात में प्रतिबन्ध कर दी गई बिना सोंचे-समझे। सिर्फ़ इसलिए की पटेल समाज की बात थी तो दूसरी ओर अल्पसंख्यक समाज का । गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री संघ घराने से आते है । संघ प्रमुख ने जसवंत की किताबें नही पढ़ी पर राजनीत जरूर कर रही है। संघ के पास कोई ऐसा युवक नही जो भारतीये संस्कृति और हिंदुत्वा का पाठ भारतीये समाज को पढ़ा सके। आज का युवक कृष्ण हो सकता है युधिष्ठिर नही।

संघ जब तक भाजपा में दखल देती रहेगी तब-तक भाजपा दिल्ली की कुर्सी को हथिया नही सकती। भले ही संघ भाजपा से गैर संघी नेता को पार्टी से निकल-बहार कर ले। आज संघ आडवानी को कह रहा रिटायर तो वह दिन भी दूर नही जब जनता संघ को राजनीत से दूर कर दे। बढती जनसँख्या इस बात को इंगित करती है।

संघ की नीति स्पस्ट है की आगामी चुनाव में हिंदुत्वा का कार्ड पूर्ण रूप से खेले यही वजह है की भाजपा अब दो भागो में बंटेगी। आगे -आगे देखिये संघ का दपोर्संखी जवाब......................................और राजनीत।

1 comment:

हरकीरत ' हीर' said...

संघ जब तक भाजपा में दखल देती रहेगी तब-तक भाजपा दिल्ली की कुर्सी को हथिया नही सकती। भले ही संघ भाजपा से गैर संघी नेता को पार्टी से निकल-बहार कर ले। आज संघ आडवानी को कह रहा रिटायर तो वह दिन भी दूर नही जब जनता संघ को राजनीत से दूर कर दे। बढती जनसँख्या इस बात को इंगित करती है।

sahi kaha aapne ....!!