Sunday, September 12, 2010

भारत की आम जनता अगर बन्दूक उठा ले तो कोई गुनाह नहीं

कांग्रेस की सरकार और उसकी कैबिनेट ने यह फैसला ले लिया की डिवोर्स के नियम - कानून में बदलाव जरूरी। तो इस सत्र में कांग्रेस ने इस अधिनियम को क्यों नहीं राज्यसभा से पारित कराकर लोकसभा बहस का मुद्दा उठाया। सुप्रीमकोर्ट ने बार-बार सरकार को ललकारा है इस मुद्दे पर किन्तु सरकार अभी भी मत्सुन्न्य आखिर क्यों ? क्या सोनिया की सरकार जनता को ठगने के लिए कैबिनेट से इस प्रस्ताव को पास कराया ?
क्या जात के आधार पर जनगणना अत्याधीक प्रिये था इन नेताओ के लिए या भारत के सैंकड़ों लोग जो इस इस कानूनी प्रक्रिया से झूझ रहे वर्षों से? कोर्ट का चक्कर लगाते- लगाते लोग थक चुके है उनकी उम्र बीततीचली जा रही, सैंकड़ों महिलाए माँ बननेसे वंचित हो रही तो वंही पुरूष भी बाप बनने से वंचित हो रहा है सिर्फ इसलिए की कानूनी दांव-पेंच बड़ा कठिन है ?
मुझे यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं की अगर ऐसे लोग सरे -आम बन्दूक उठा कर नेताओं को भुनाने का काम करे तो कोई गुनाह नहीं होगा। सरकार और विपक्ष इस मुद्दे पर शीघ्र ध्यान दे अन्यथा अंजाम बुरा होगा।

6 comments:

honesty project democracy said...

सार्थक और भावनात्मक प्रस्तुती ,वास्तव में सरकार का जनता के असल सरोकार से दूर होता जाना एक दिन गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा कर सकता है जो इन भ्रष्ट नेताओं पे भी भारी परेगा ...|

Unknown said...

It's a considerbale point where is going congress govt. or leader. Our top youth leader Rahul said in bengal rally there is two india but haven't say how to unite it. I couldn't understand what would like congress- divde society, family.If,we talk about, kashmir is burning, naxali is growing it's all credit is going to congress. congress govt. never try to listen state ruling party. when such thing happen as big bang than congress will wake up. So I humbly reqesting to all indian be carefull for upcoming sitatution.....

Thanks!
Brajesh

Unknown said...

GUNEHGAR TOA AAJ AAM JANTA AAPNI NAJRO MEIN HOTE JAA RAHI HAI......,PUBLIC KO HAMARE NETAO KI HAR CHAAL KA PHATA RAI,HUM JANTE HAI POWER KA DURUPYOG KAISE HO RAHA HAI,PHIR BHI HUM JANTA MUKH DARSHAK BANE BHAIDHHE HAI,YE JANTA KI LACHARI HAI YA PHIR SUBR KA IMTAHA, PER JO BHI HAI....YE SUBR JIS DIAN TUTA SELAB TOA NISCHIT HAI.......

Manoj Kumar said...

आपका कहना बिलकुल सही है. लिखते रहिये.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

waaqai mein koi gunaah nahi....

Asha Joglekar said...

जात के आधार पर जन गणना से वोटों की राजनीती जो करनी है इनको क्यूं कि ये जनाता को एक नही अलग अलग कर के आसानी से अपनी रोटी सेंक पायेंगे ।