Tuesday, October 23, 2012

भारतीय मीडिया अपना स्वरुप बदले नहीं तो जनता जूता बरसायेगी

भारतीय मीडिया अपना स्वरुप बदले नहीं तो जनता जूता बरसायेगी आम तौर पर देखा गया है भारतीय मीडिया पुराने ढर्रे पर चल रही है। लोग बदले, लोगों की सोंच बदली, सरकार बदली, मौसम बदला, पर भारतीय मीडिया का विचार नहीं बदला? आखिर क्यों? ये प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रोनिक मीडिया का मिजाज क्या किसी पार्टी/दल के भ्रष्टाचार से कम है?

No comments: