Tuesday, August 12, 2008

दहेज कानून ने घरों को तोरने का काम किया है : वर्मा

हिंदू विवाह कानून में दहेज़ कानून ने न जाने कितने घरों को जोराने की बजाये तोरने का कम कीया है। जिसका प्रमाणिक तौर पर सर्वोच्य न्यायलय ने भारत में तलाक के बढते मामलों पर चीनता व्यक्त करते हुए कहा की हींदू विवाह ने देश की पारिवारिक प्रणाली को मजबूत बनने की बजाये कमजोर कीया है। मेरा मानना है की दहेज़ कानून में विसंगतियां होने के कारन आज समाज में व्यापक पैमाने पर विवाह होने के कुछ हिन् दीनों बाद तलाक की याचिका दर्ज कराइ जा रही है। मेरा यह भी मानना है की भारतीये समाज में न जाने कितने माता-पीता ने अपने अयोग्य , अपाहीज यवम मानसिक वीकृत बेटे-बेटीयों की शादी में अपारदर्शिता , झूठ यवम दहेज़ कानून की आर में स्वस्थ्य , योग्य युवक -युवतियों के साथ शादी कर देते हैं जिसका परिन्नाम्म यह होता है की दाम्पत्य जीवन खुशहाल होने के बदले अभीशाप बनकर रह जाता है। मेरी राये में यैसे माता-पीता जो अयोग्य यवम अपाहीज व मानसिक वीकृत बेटे , बेटीयों की शादी झूठ , अपारदर्शिता यवम दहेज़ कानून की आर में करते है उन्हें भारतीय संविधान में संशोधन कर यैसे माता-पीता को कठोर दंड देने का प्रावधान करना चाहिए तथा दहेज़ कानून में भी संशोधन करना चाहिये ।
प्रकाशित दैनिक आज , ०३ जूलाई २००८ पेज संख्या ०४

6 comments:

राज भाटिय़ा said...

बिलकुल सही कहा आप ने, ओर कुछ आज की नारी भी पश्चिम के रंग मे रगी हे, धन्यवाद

शोभा said...

बहुत अच्छा लिखा है। स्वागत है आपका

Asha Joglekar said...

mudda achcha uthaya par thoda aur wistrut hota.
blog jagat men swagat hai.

राजेंद्र माहेश्वरी said...

नो कमेंट्स

एक निवेदन
मात्रा की गलतियों पर विशेष ध्यान दें ।
क्षमा करें।

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दीपक बरनवाल said...

main keval itna kahna chahta hun ki kanoon banaane matr se kuchh nahin hota mere dost.

likhit dastavej se jyada kargar sabit hoti hai parampraye, apni parampraye dharohar ko banaye rakhiye

yahi tamanna ke sath thanx

Pragati Mehta said...

bahut sahi bhai.....Isi tarah likhte rahiye......dhanyabad.