Friday, December 19, 2008

क्या राहुल गाँधी बिहार का नेतृत्व करेंगे?

देश के युवा कर्मठ, तेजस्वी, होनहार यवम झुझारू राहुल गाँधी अगर बिहार का नेतृत्व अपने हाँथ लेने को तैयार हो तो बिहार में एक नया संचार क्रांति लाया जा सकता है
संचार क्रांति के लिए जिन अस्त्र-शस्त्र की जरूरत होती वो राहुल गाँधी के पास हैलोकनायक जयप्रकाश ने भी १९७७ के आन्दोलन में युवाओं को हीं अपना अस्त्र-शस्त्र बनाया था और उन्हें बहुत बड़ी सफलता भी मिलीबिहार सच में गौतम बुध्ध का "विहार" है किंतु जातीय व्यवस्था ने बिहार की जनता को आर्थिक दल-दल में इस तरह से झकझोड़ दिया है मानो बिहार को कैंसर हो गयाबिहार में आपदा नाम की जंतु कभी नही आती थी लेकिन जबसे लालू, रामविलाश, नीतिश, मोदी जैसे गद्दार चेला अपना कमान चलाने लगे तभी से आपदा, विपत्ति, आर्थिक तंगी, बेरोजगारी जैसे शब्द गूंजने लगे है
बिहार में युवाओं का नेतृत्व सामने उभर कर आए तो निश्चित तौड़ पर आपदा, विपत्ति, आर्थिक बदहाली, बेरोजगारी जैसे शब्द सुनामी की तरह गौण हो जाएगापुण्य प्रशुन्य बाजपेयी को सुधीर के लिए कलम नही चलानी पड़ेगी

5 comments:

संगीता पुरी said...

इंतजार कीजिए , शायद राहूल गांधी तक आपकी आवाज पहुंचे और वे आपकी बातें मान जाएं।

अनुनाद सिंह said...

बिहार 'प्रतिभाशाली' लोगों की खान है। क्या आपको लगता है कि राहुल प्रतिभाशाली हैं? क्या जयप्रकाश नारायण का शतान्श प्रतिभा भी उनमे है? यदि है तो प्रतिभा की परिभाषा बदलने की जरूरत है।

drdhabhai said...

अनुनाद जी से शब्दशः सहमत

kumar Dheeraj said...

आप विहार के रहने वाले है लेकिन लगता है विहार को समझ नही पाये । अपने लालू,नितीश पासवान से थक गये लगते है तो राहुल गांधी को विहार बुला रहे है ।आइडिया तो खूब है लेकिन कमजोर सोच के लिए बता दूं कि राहुल यूपी के सुरमा है जरा वहां जाकर क्रांग्रेस पाटी को जान दे दे तो मान जाऊगा । विहार को रहने दीजिए । अगर जरूरत है तो खुद राहुल पैदा कर लीजिए । राजनीति को समझिए

khabarchi said...

मैं हैरान हूं, आखिर आप कहना क्या चाहते हैं.वर्तमान परिवेश में कई व्यक्ति लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराने के लिए अमूमन ऐसा राग छेडते हैं जो हो बेसिर पैर की और इतनी बुरी हो कि लोग उस पर बोलने को मजबूर हो जायें.यार ऐसे करेंगे तो लोग आपना ब्लॉग देखना छोड देंगे. वैसे इतना तो स्पष्ट हो गया है कि बिहारी होने के बावजूद आपको बिहार की तनिक भी समझ नहीं है. बिहारी होने के नाते आपका ब्लॉग देखने बैठा था लेकिन अपने समय को व्यर्थ गंवाया. भविष्य में दुबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा.