Friday, May 14, 2010

अगर भारत में हिटलर होता .........

भा जा पाके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिससे किसी को आहत पहुंचे। अगर किसी को आहत पहुंचा हो भी तो वह सही मायेने में भारत का कुत्ता (डॉग) ही होगा। अफ़सोस है की भारत की जनता ७०% गाँव में रहती है, उनके पास गुमराही समाचार के अलावा कोई ऐसा माध्यम नहीं जिससे वे लोग क्रांति ला सके। प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रोनिक मीडिया ये सब शहरो में ही विकसित है। बिहार के कई ऐसे नेता है जो कुत्ते के सामान है वो थाली चाटना जानते है और साथ में बिहार की जनता को थाली चटवाना भी जानगए है। अगर सही में आज हिटलर होते तो सायद बिहार के इन नेताओं को जिन्दा गोली बिच बाज़ार में मार दिया होता।
बिहार के कई ऐसे नेता है जो रहमो-करम पर जिन्दा है। अगर इन नेताओ पर सी बी आई शिकंजा कसे तो ये कंही के न रहे। इनके पास कंही न-कंही से पॉवर यानी जनता को गुमराह कर सत्ता पक्ष में आ जाते और जनता के साथ खून का होली खेलते। मीडिया को विज्ञापन का लालच देकर उनसे अपने पक्ष में लिखवाते है। यही तो इन नेताओ का चरित्र हो गया है।
गडकरी जी ने सही कहा कई ऐसे नेता देश के अंदर है जो कुत्ते के सामान है । अरे जो नेता कुत्ता रहेगा उसे तो लोग कुत्ता ही कहेगा न।
कुत्ते लोग सावधान हो जाओ नहीं तो एक न - एक दिन हिटलर आएगा ही और तुम सभी कुत्तों को जिन्दा सड़क पर जनता को खाने के लिए छोड़ देगा । जनता जब इन कुत्तों से तंग आ जाएगी तो इन कुत्तों को तो खाने का काम ही करेगी न। गडकरी जी आप चिंता न करे देश की जनता आपके साथ है। घर की मुर्गी दाल बराबर बिहार के नेता ऐसे ही है जो सत्तू और चिउरा -मिट्ठा का लालच देकर भीड़ खड़ा कर लेते चुकी इनके पास चारा जैसे कई घोटाले का पैसा जो है। आप मत घबराओ गडकरी । आप मंत्री नहीं बने इसलिए राष्ट्रीय नेता के रूप में इन कुत्तों ने अभी तक नहीं पहचाना है आपको । इन नेताओ ने मंत्री पद से देश की जनता का रुपया लूट लिया है तो ये राष्ट्रीय नेता की भाषा बोलने लग गए। गडकरी आप राष्ट्रीय नेता हो कोई जन्म से नहीं पैदा लेता राष्ट्रीय नेता इन कुत्तों को आप बता दो......

3 comments:

Unknown said...

ek chintanparak aalekh.

waah !

bahut khoob !

राज भाटिय़ा said...

अब कुत्तो को कुता ही कहा जायेगा ना, ज्यादा से ज्यादा हरामी कुता

honesty project democracy said...

बहुत ही अच्छी सोच और चिंतन कर लिखी गयी पोस्ट ,राज भाटिया जी के विचारों से भी पूर्ण सहमती / ऐसे सोच को जमीन पर उतारने से ही इस देश और समाज को बदला जा सकता है ,लोगों को जागरूक बनाने में अपना समय दीजिये ,हमारी सहायता की जरूरत हो तो हमें भी कहें /