Friday, July 16, 2010

बौखलाए नितीश

बिहार विधान सभा का चुनाव आते ही नितीश कुमार बौखला गए । तस्लीमुद्दीन तो आनंद मोहन सभी अपराधी तबके के लोग को अपने दल में शामील करने में लगे है। उधर प्रमुख विरोधी दल लालू प्रसाद यवमराम विलास पासवान नितीश का बौख्लापन का मज़ा ले रहे है। नितीश इस तरह भी बौखलाए की राजपूत वोट भी इनसे बिछुरने लगी । नितीश का बौख्लापन उस समय भी दिखा जब इन्होने भा जा पा के तमाम राष्ट्रीय नेता का भोज ही काट दिया ।
नितीश अब जो कुछ भी कर रहे वह बौखलाहट का सन्देश दे रही । स्वर्गीय दिग्विजय सिंह के मृत्यु पर भी इन्होने राजनीत करने से बाज नहीं आया। इनके विरोधी तो यंहा तक कह दिया की नितीश अहंकारी हो गए ।
नितीश कुमार के लिए अब बिहार विधान सभा का चुनाव आसान नहीं । चाणक्य कहे जाने वाले नितीश कुमार अब बहुत पीछे चले गए । कहा जाता है की जब-जब घमंड का रूप धारण करता है कई रावन का नाश होते जाता है । शायद अब नितीश कुमार इसी चिंता में है । हलाकि बिहार की बुध्धिजीवी जनता आज भी नितीश को चाह रही इसमे भूमिहार, कायस्थ यवम ब्रह्मण वर्ग है। हलाकि भूमिहार, कायस्थ और ब्रह्मण का वोट भी इन्हें प्रचुर मात्रामें मिलनेवाला नहीं है।
नितीश सही में बौखलाए हुए हैं सायद इस बार नितीश की पाली नहीं बिहार की जनता नकार भी सकती है इन्हें ??????

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