Friday, July 30, 2010

आत्मबल के धनी व संघर्षशील मिलाप डुग्गर नहीं रहे

आत्मबल के धनी व संघर्षशील मिलापचंद डुग्गर ( मरुभूमि पुत्र ) आज भारत के १.२५ सवा सौ करोड़ आबादी के बीच से स्वर्गवास को चले गए। अपने पीछे धर्मपत्नी, पुत्र, पुत्रवधू और पुत्रिया को छोड़ गए। इश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे ।
मुझे याद है जब डुग्गर जी दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित गोष्ठी " आतंकबाद और भ्रष्टाचार " पर अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा था की भ्रष्टाचार ही आतंकबाद का जननी है इसे शीघ्र रोकने का प्रयास भारत के प्रत्येक नागरिक और शिक्षण संस्थान को करना चाहिए। मैं उनकी बातों को अपने इस ब्लॉग के माध्यम से आगे बढ़ाते हुए भारत के तमाम नागरिक से अपील करता हूँ की वो स्वर्गीय मिलाप डुग्गर जी की आवाज को अपने जीवन के कड़ी में जोड़ कर आतंकबाद और भ्रष्टाचार के खिलाप आन्दोलन छेड़े । यही मिलाप के प्रति हमारी सच्ची श्रधांजलि होगी।

नोट : अधिक जानकारी के लिए www. iaseuniversity.org.in पढ़े ।

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