Tuesday, August 3, 2010

५४५ सांसद धोखेबाज़ तो १.२५ करोड़ जनता नौटंकीबाज़

जी हां ! यह सच है की भारत में घोटाले-पर-घोटाले होते रहते है और भारत की जनता इन्हें सिर्फ पढ़ती -सुनती- देखती रहती है, चुकी जनता के पास कोई उपाय नहीं । वोट विकल्प नहीं और जनता के पास कोई ऐसा सरकारी हथियार नहीं जिससे ये सांसदों को सबक सिखा सके। ऐसे में मीडिया कर्मी भी कम ड्रामेबाज नहीं। भारत का तीसरा अस्तंभ न्यायापालिका ये भी अंधे कानून से बंधा है की ये भी चाह कर कुछ कर नहीं सकती। और ऐसे में पूंजीपति का बल्ले-बल्ले होना लाज़मी है।
आज भारत में चारो ओर घोटाले की चर्चा हो रही कोई सीबीआई पर उंगली उठा रहा तो कोई व्यवस्था पर। ये उठाने वाले कोई भारत के आम जनता नहीं बल्कि मीडिया ही है भले ही ये भी पाक-साफ़ न हो किन्तु आवाज जरूर उठाते। अमित शाह और नरेन्द्र मोदी पर कई गंभीर आरोप है तो लालू पर ९५० करोड़ का चारा घोटाला न्यायालय में अब तक लंबित है वंही आज दिल्ली में आयोजित राष्ट्र मंडल खेल को लेकर तमाम घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है। इन घोटालो और आरोपों का खेल वर्षों तक न्यायालय में चलता रहेगा तब तक भारत की आबादी १.२५ करोड़ से ३ सौ करोड़ पहुँच जाएगी और भारत की जनता यूँ ही तमाशबीन बनी रहेगी।
मैं पूछता हूँ की ये सब ५४५ सांसद संसद में क्या कर रहे सिर्फ जनता को ठग रहे या खुद का जेब भर रहे। महगाई पर संसद ४ दिनों तक नहीं चली फिर संसद चलने लग गई क्या महगाई कम हो गई। मैं तो यही कहूँगा की सब-के-सब सल्फेट है ये जनता को ठगते है और जनता लाचार है।चूकी इनके पास कोई हथियार नहीं जिससे ये सांसदों को कुचल सकें ।
सभी दल को को एक-एक सांसदों का आचरण पता है फिर भी ये तब तक खामोश रहते जब तक इनके काम चलते रहते जब ये समझ लेते की अब इनसे पार्टी का काम नहीं चलेगा तब ये सी बी आई का प्रयोग करते और उतना ही तक सिमित रहते जितना में इन दलों/ पार्टी का काम चल जाता।
पूंजीपति , किसान , मजदूर और व्यवसायी वर्ग को वोट के अलावे कानूनी दायित्व मिल जाये तो इन नेताओं को ४७ सेवेन से गोली दागने में देर नहीं लगेगी।

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

कोन कहता है कोई कुछ नही कर सकता, अगर जनता मे दम हो तो एक दिन मे इस सरकार की कुर्सी हिल जाये, जिस जनता के दम पर यह सरकार बनी वो जनता इसे एक दिन मै ऒकात याद दिला दे..... लेकिन हम मै इतनी हिम्मत नही हम सब को बस अपनी अपनी पडी है, मेरी जेब भरी रहे बाकी जाये भाड मै...अभी भी समय है अगर जनता मिल कर चले तो यही सरकार कल ही धुल चाटे.