Friday, August 6, 2010

प्रधान मंत्री के नाम खुला पत्र

प्रधान मंत्री जी, आज युग बदला, समय बदला, शताब्दी बदली किन्तु लोग नहीं बदले। लोग (जनता) आज भी १९४७ के पीछे वाली है। मैं बारीकी से देख रहा हूँ की किस तरह ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के लोगों को फोड़ा था आज की जनता और नेता भी उसी रस्ते पर है। अगर यही हालात रही तो भारत की तस्वीर आनेवाले समय में कुछ और होगी जिसकी परिकल्पना आज के नेतागण नहीं कर रहे । संसद में मीडिया के सामने (प्रसारित) लम्बी-चौड़ी भाषण दे डालते लेकिन क्षेत्र में ठीक उसके विपरीत काम करते।
मैं गंभीरता से यशवंत जी (पूर्व वित्त मंत्री) का संसद में भाषण सुन रहा था। कुछ बातें अच्छी थी तो कुछ आपत्ति जनक था "उन्होंने कहा की आज मैं एक कुआँ भी नहीं खोद सकता चुकी मेरे पास फंड नहीं और आज का नौजवान किसी बड़े पद पर हो तो मैं उसके सामने क्या हाँथ जोडूंगा" । वो भूल गए की जनता के द्वारा ही आज जो कुछ है भले ही कभी आई ऐ एस रहे हो आज वो जनता के द्वारा ही सब कुछ है। जब वे एक नौजवान के सामने हाँथ नहीं जोड़ सकते तो आम आदमी जो बुजुर्ग हो वो कैसे इन आई ऐ एस को हाँथ जोड़ेगा? यह तो राजतन्त्र वाली बात हुई। न की लोक तंत्र और प्रजातंत्र ।
बी जे पी नेता अब बौखला गए क्योंकि उन्हें मांश खाने का मौका नहीं मिल रहा (कहाबत है जब गिदर और शेर को मांश खाने की लत पर जाती तो उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
राष्ट्र मंडल खेल को लेकर जो तैयारियां की गई और उसमे जो अनिमियेता हुई उसमे कांग्रेस की छवि खराब होती नज़र आ रही । चुकी कलमाड़ी कांग्रेस से ही मनोनीत है और कलमाड़ी के नेतृत्वा में ही घोटाले हुए ऐसे में कलमाड़ी का इस्तीफा तुरंत और शीघ्र लेना चाहिए । अगर अभी नहीं ली गई तो कल बी जे पी वाले कांग्रेस पर हल्ला-बोल राजनीत करेंगे।
मुझे मालूम है और पुरे देश को मालूम है की एम् सी डी में बी जे पी ही सक्रिय है उन्ही का मेयर है तो घपले-बाज़ी में उनका भी हाँथ है। अगर आप दोनों पार्टी मिलकर भारत को बर्बाद करना चाहते भारत को लूटना चाहते तब तो कोई बात नहीं । अगर आप और आपकी पार्टी भारत के सामने स्वक्ष रहना चाहती तो अविलम्ब कलमाड़ी का इस्तीफा लेना चाहिए जिस तरह आपने विदेश राज्य मंत्री का इस्तीफा ले लिया था।
मैं पुनः कहूँगा की कलमाड़ी का इस्तीफा जल्द से जल्द लेना चाहिए इनके इस्तीफा देने के वावजूद राष्ट्र मंडल खेल भारत में सम्पन्न होगी और अच्छे से होगी।
अन्तः मैं यही कहूँगा की अभी नहीं तो कभी नहीं और ऐसे में कांग्रेस को बहुत बड़ा नुक्सान उठाना पर सकता है।

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

वर्मा जी आप का लेख पढा नही जाता, आंखो पर बहुत जोर पडता है, इस लिये बेंक का हिस्सा बदल ले या फ़ंट मोटे रखे. धन्यवाद

सुरेन्द्र Verma said...

JI,
AAPKEE BATON SE SAHMAT HOON ISLIYE BADAL LIYA.

A GOOD SUGGESTION FOR ME.

THANKS A LOT.