Wednesday, August 25, 2010

दिल्ली मेट्रों दिल्ली की शान

"दिल्ली की मेट्रों दिल्ली की शान" है इसमे जरा सा भी संकोच करने की गुंजाईश नहीं । भीड़ यंहा भी है पर राहत भी उतनी ही है, व्यस्तता भी उतना ही है जितना आराम, कहने को खड़े होकर सफ़र करते हम पर इमानदारी भी उतनी ही है, महिला हो, बुढ़ें हो या अपंग सबके-सब देते शिष्टाचार के आयाम। जी हाँ ! यंहा डीटीसी नहीं यंहा मेट्रों का सफ़र है जिसमे सबको आराम ही आराम ।
दिल्ली मेट्रों का नियुन्तम किराया ८ रूपया है। डी टी सी के वनिस्पत मात्र ३ रूपया अत्यधिक। मगर सुबिधा आप देखे तो तीब्र गति से आप अपने गंतब्य स्थान पर पहुचते है, वातानुकूलित वातावरण में यात्रा करते है, साफ़-सफाई से आप योग्य होते है, आपकी शिकायत को सुननेवाले होते है। अब आम जनता को क्या चाहिए जल्द-से-जल्द और सुरक्षित पहुँचनेका सीधा मार्ग है दिल्ली मेट्रों।
काश ये सुबिधा भारत के गाँव-गाँव में होती...................................................

2 comments:

Asha Joglekar said...

बिल्कुल सही कहा । आप से सहमत ।

राज भाटिय़ा said...

आप से सहमत जी धन्यवाद