Thursday, August 5, 2010

आखिर तेंदुलकर क्यों चुप?

भारत के जाने-माने बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर आखिर चुप क्यों ? क्या वे भारत के नागरिक नहीं जिनके देश में आई पी एल और राष्ट्र मंडल जैसे खेल के आयोजन पर रुपयों का बंदरबांट हो रहा ? खेल से तो वे जुड़े है उन्हें शीघ्र अपनी टिप्पणी देनी चाहिए ।
भारत के करोड़ों जनता उनके बल्लेबाजी को लेकर दुआएं मागती है, संसद में उन्हें "भारत रत्न" देने की मांग की जाती है तो क्या तेंदुलकर का दायीत्वा नहीं बनता की वे इतने बड़े घोटाले पर अपनी टिप्पणी दें। भारत के नागरिक होने के नाते उन्हें भी अपनी टिप्पणी देनी चाहिए वरना वो "भारत रत्न " के सही हक़दार नहीं।
१९८० के दशक में सुनील गावस्कर भी काफी नामी-गिरामी बल्लेबाज़ थे उस समय उनकी भी बल्लेबाजी में पूरी दुनिया लोहा मानती थी तो क्या उन्हें "भारत रत्न " नहीं मिलाना चाहिए? मेरे समझ से तो उन्हें भी "भारत रत्न" तेंदुलकर से पहले मिलना चाहिए।
हर भारतीये का यह कर्तब्य है की वो भारत में अनियमतता का घोर विरोध करे वरना वो सच्चा भारतीय नहीं। मिशालके तौर पर सिने अभिनेता शाहरूख खान एक ऐसे जिंदादिल इन्सान है जिन्होंने बल थाकड़ेसे माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया। अमिताभ बच्चन भी जब कभी भारत पर या भारत में अनियमतता का संकट गहराता है तो अपनी आवाज़ को देने से चुकते नहीं। "सेव टाइगर" के लिए प्रचार-प्रसार उनके भारतीये होने का गर्व प्रदान करता है।
लोग कहते है सेलेब्रिटी ही प्रचार-प्रसार के लिए सही माध्यम है ? मैं पूछता हूँ की भारत में ऐसे कई सेलेब्रिटी है जो घोटाले पर अपनी आवाज़ को ताला -चाभी दे देते । वाह रे सेलेब्रिटी ! वाह रे दुनिया ! ऐसे सेलेब्रिटी का क्या मतलब जब उनके ही खेल की दुनिया में इस तरीके का घपले बाज़ी हो और ये सेलेब्रिटी छु-खामोश हो तो इनका क्या कहना ! ये तो भारत रत्न के क्या किसी भी रत्न के लायक नहीं।

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

अजी लोगो ने उन्हे लोगो ने भगवान बना दिया है:) ओर भगवान सिर्फ़ देखते है बोलते नही, या फ़िर चढावा खाते है