Tuesday, November 4, 2008

नेता, प्रशाशन और पत्रकार ये तीनो हैं भारतीये नागरिक के जीवन शैली

भारत में नेता, प्रशाशन और पत्रकार ये तीनो मिलकर भारतीये जीवन शैली की रूप रेखा तैयार करते आए हैं। अगर ये लोग आपस में सामंजस बना लें तो देश में भ्रष्टाचार स्वाभाविक रूप से बढ़ जायेगी और आज यही देखने को मिल भी रहा है।
भारतीये संबिधान में नेता के लिए कोई योग्यता नही है। अगर योग्यता है तो कैश, फ़ोन, फैक्स और मोबाइल का। इसमे अगर ४-५ वॉरंट हो तो और भी अच्छा। बुध्धिजीवी वर्ग सामान्यतः नौकरी पेशा के लिए प्रयासरत हैं। इन्हें भारतीये राजनीत में सिर्फ़ डिबेट हीं पसंद है। इन्हें हमेशा डर सा बना रहता है की राजनीत में जरा उल्टा-पुल्टा बोल दिया तो कलम (नौकरी ) पर आफत आ जायेगी। इस वजह से ये लोग संसद का मार्ग अपनाने से हिचकते है। किसान भाई है तो ये साडी जिंदगी कभी मौसम के मार से दबे रहते है तो कभी प्रकृति की भूचाल से। मध्यम वर्गीय लोग परिवार को सहेजने और सँभालने में ही अपनी जिंदगी को गवां देते है। मजदूर वर्ग रोजी-रोटी की खातिर गुलामी में ही आना जीवन न्योछावर कर देते है।
शेष बचे बुध्धिजीवी वर्ग अपने पेशे से पेशेवर हो जाते हैं । जैसे डॉक्टर, इंजिनियर, वकील व पत्रकार । ये लोग अपने पेशे में इतना पेशेवर है की भारतीये नागरिकों की जीवन शैली की परवाह तक नही करते।
मैं सिर्फ़ इतना ही कहना चाहता हूँ की आम अवाम को अब जागरूक होना होगा तभी भारतीये सभ्यता और संस्कृति की पहचान बन पायेगी और आम अवाम सुख-चैन की नींद सो सकेगा अन्यथा ये तीनो मिलकर भारतीये मूल के लोग को सरे आम बेच देंगे।

1 comment:

A Priydarshi said...

aapne NETA,PRASHASHAN OR JANTA K beech ki kahani bakhubi kahi hai. Is tarah ke vichar batane ke liye dhanyavaad. KEEP DISCUSSING on the same topic.