Wednesday, November 5, 2008

ओबामा की तरह बिहार में भी सत्ता परिवर्तन की जरूरत

आज़ादी के ६२ वसंत देख चुके बिहार के नवयुवक, प्रोढा, बुजुर्ग यवम महिला। किंतु आज भी इनके मानसिकता से गुलामी नही गई। ये आज भी गुलाम बनकर जीने को मजबूर हैं। बिहार में साक्षरता ३४ % से ज्यादा बढ़ नही सकी। बुध्धिजीवी वर्ग बिहार से पलायन करते रहे और लुटेरा, गुंडा, मबाली, उचक्के आदि सत्ता का भोग भोगते रहे।
बिहार में आज तक जितने भी मुख्यमंत्री बने वो या तो जातिगत आधार पर वोट की राजनीत कर आगे बढे हैं या फिर गुंडा, मबाली, उचक्के आदि के बल पे। बिहार में साक्षरता के कमी रहने से यंहां की जनता बेबस रहती है। यही वो वजह है की बिहार में लालू जैसे लुटेरा २० वर्षों तक राज्य-पाट कर बिहार को गर्त में मिला कर रख दिया। इनसे त्रस्त होकर बिहार की जनता नीतिश को मुख्यमंत्री पदपर बिठा दिया। किंतु जनता की जो उम्मीद थी की नीतिश सरकार बिहार के लिए कुछ करेंगें वो व्यर्थ साबित हो रहा है। अब ये ये कहकर अपना पल्ला झाररहे की २० वर्ष तक लालू को आप झेल लिए तो नही अभी तो मुझे २-३ वर्ष भी नही हुए कुर्सी संभाले ।
मैं बिहार की जनता खासकर युवा से आह्वान करना चाहता हूँ की बिहार का बागडोर ओबामा जैसे उर्जावान व्यक्ति के हाथों में दे ताकी बिहार का विकाश का मार्ग प्रसस्त हो सके।
जो भी भाई बंधू बिहार से बाहर रह रहें है वो भी किसी भी माध्यम से बिहार की तरक्की, खुशहाली के लिए सत्ता का परिवर्तन ओबामा जैसे व्यक्तित्व के हांथो में देने का प्रयास करे।
घिसे -पिटे नेता से बिहार का तरक्की नही होनेवाला है। अगर यही घिसे-पिटे नेता बिहार के गद्दी पर बिराजमान रहे तो कई राहुल राज जैसे नवयुवक मौत के घाट उतर दिए जायेंगे और हम-आप अंशु बहने के सिवा कुछ भी नही कर पायेंगें ।
प्यारे बिहार बासियों यही वह वक्त है प्रेरणा लेने की - जब व्हाइट हाउस में अश्वेत ओबामा को लोग चुन सकते हैं तो आप क्यों नही नए उर्जावान नेता का चयन कर सकते। आइये हम-आप सभी मिलकर एक यैसे उर्जावान को चुने जो बिहार की तस्वीर बदल दे ।

1 comment:

राजेश कुमार said...

आप अपने आंकड़े चेक कर लें। आपका आंकड़ा गलत है। वर्ष 2001 में हुए सर्वेक्षण के अनुसार औसत साक्षरता दर 47.53 था जिसमें पुरूष का साक्षरता दर 60.32 है और महिलाओं का 33.57