Friday, November 7, 2008

बिहार को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए

बिहार को लेकर पुरे देश के साथ-साथ विश्व भी चिंतित है। आए दिन कभी बिहार-महाराष्ट्र तो कभी यु पी - बिहार तो कभी बंगाल-बिहार की चर्चा देश-विदेश के चैनलों और पत्र-पत्रिका में देखने को अक्सर मिल ही जाती है। मतलब साफ है की बिहार के पास अपना उधोग-धंधा नही होने से, दूसरा की बिहार झारखण्ड बटवारे से शेष बिहार के पास बाढ़ से ज्यादा प्रभाभित इलाका ही रह गया है जिस वजह से श्रमिक वर्ग , किसान वर्ग, मझोले वर्ग आदि देश के कोने-कोने में जाकर अपना रोजी-रोटी तलाशते है। रोजी-रोटी तलाशना कोई जुर्म की बात नही फिर भी बिहार से लोगों को नफरत सा पैदा हो गया है।
जबकी बिहार के लोग काफी परिश्रमी, सब्मिसिब और लचीले होते है। बिहार के लोग हमेशा अपने कर्मो पर विश्वास करते है। शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी अब्बल होते हैं परन्तु जीवीका के लिए इन्हें रोजगार तो चाहिए और रोजगार के तलाश में विश्व के किसी भी क्षेत्र में जाने को अक्सर तत्पर होते हैं।
यह दुर्भाग्य है की बिहार में डॉ राजेंद्र प्रसाद यवमलोक नायक जयप्रकाश के पद चिन्हों पर चलने वाले नेता आज के दौड़ में एक भी नही है जबकी लालू , नीतिश, सुशिल आदि दावा करते हैं की लोकनायक के अनुनाई है पर वास्तव में ये लोग दपोद्शंखी है। आज के दौर में ये लोग बिहार को बेच रहे है और ख़ुद माल बटोर रहे हैं। आज लालू जी कह रहे की पूर्वांचल राज्य घोषित करो जिसकी राजधानी वाराणसी हो। लालू सही में देश के दुश्मन है। जो पहले बिहार को खंडित किया अब वो यु-पी -बिहार और अन्य को बिखंडित करना चाहते है।
मैं व्यक्तिगत तौर पर केन्द्र सरकार से मांग करता हूँ की - बिहार को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए चुकी बिहार एक अति पिछड़ा इलाका हो गया है इन दपोर्शंखी नेता से। बिहार के नेता बिहार के लोगों का हक़ अपने जेब में अब रखने लग गए हैं। शेष बिहार में न तो उधोग ज्यादा है और न खनीज अगर कुछ है तो वह है बाढ़ । यैसे में केन्द्र सरकार को अतिशीघ्र बिहार को केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए ।

1 comment:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

सबसे दुर्भाग्य की बात है बिहार के सबसे बड़े दुश्मन खुद बिहारी नेता है सब एक थेली के चट्टे-बट्टे . जब तक इन लोगो से बिहार पीछा नहीं छुडायेगा तब तक बिहारी अपमानित होता रहेगा . मोहन दास गाँधी को राष्ट्र पिता बनाने में बिहार का ही योगदान था .और बिहार की माटी से यह भारत देश कभी उरिन नहीं हो सकता .